अभी हाल ही में जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन नंबर 5 में प्लॉट नंबर 34 सुख विहार गुर्जर की थड़ी पर 296 वर्ग गज के भूखंड पर निर्माण कर्ता द्वारा बिना सेट बैक छोड़े बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर बनाए गए बेसमेंट प्लस 5 मंजिला बिल्डिंग को ध्वस्त किया !
सवाल : जब 24 फरवरी 2020 को नोटिस जारी कर निर्माण बंद करवाया इसके बाद 13 जनवरी 2021 को ईंटों की दीवार चुनवा कर सीलिंग कर दी गई, इसके बाद कोर्ट ने 17 अक्टूबर 2022 को भूखंड स्वामी को सात दिवस में सील मुक्त कर एक माह में अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया तो 4 माह बाद 20 जनवरी 2023 को प्रशासन की आंख तब खुली जब मीडिया का दबाव प्रवर्तन अधिकारी रघुवीर जांगिड़ पर पड़ा अब सवाल यह उठता है कि भूखंड स्वामी को स्टे मिला तो मिला कैसे?
क्या शहर में बन रही अवैध इमारतें भी नोटिस-नोटिस के खेल से बन रही है कोई शिकायत हो तो सील कर दो ज्यादा शिकायत हो तो तोड दो, जब जे डी ए एक बार अवैध मान कर सील कर रहा है तो निर्माणकर्ता कोर्ट से स्टे ला कर बीना अवैध निर्माण हटाये काम चालू कैसे कर सकता है जे डी ए के गार्ड क्या कर रहे होते हैं!