राजस्थान
राजस्थान के गैंगस्टर राजू ठेहट की घर के बाहर गोली मारकर हत्या

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली
राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट की शनिवार को सुबह सीकर में घर के बाहर गोली मारी गई है,ठेहट का शहर के पीपराली रोड पर घर है।
इसी के बाहर उस पर फायरिंग हुई है, सूत्रों के अनुसार उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है तथा कहा कि “हमारे बड़े भाई आनंदपाल,बलवीर की हत्या में शामिल था राजू ठेहट जिसका बदला ले लिया गया और आगे दुश्मनों से मुलाकात होगी”
फायरिंग की जानकारी मिलते ही सीकर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप सहित बड़े पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए है। राजू ठेहट सीकर के बाद जयपुर में अपनी जड़ें मजबूत करना चाहता था।
इसी मकसद से उसने जयपुर को अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया था।विवादित जमीनों और सट्टा कारोबारियों पर भी राजू ठेहट की नजरें थी। लेकिन महेश नगर थाना पुलिस ने शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद राजू ठेहट वापस सीकर शिफ्ट हो गया था।
गैंगस्टर राजू ठेहट को सीकर बॉस के नाम से बुलाया जाने लगा है। जयपुर जेल में बंद रहने के दौरान अपनी गैंग को बढ़ाने के मकसद से जयपुर में भी अपना ठिकाना बनाया। उसको जयपुर के स्वेज फार्म में जिस मकान से पकड़ा, उसकी कीमत 3 करोड़ रुपए बताई जा रही है ।
गैंगस्टर्स आनंदपाल सिंह और राजू ठेहट में करीब दो दशक वर्चस्व की लड़ाई चली थी। आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद राजू ठेहट का वर्चस्व हो गया। जेल में बंद होने के दौरान भी उसके फिरौती मांगकर संरक्षण देने के कई मामले सामने आए थे।
इसी बीच DGP उमेश मिश्रा ने सीकर SP से घटना की जानकारी ली है. उसके बाद DGP उमेश मिश्रा ने बदमाशों के भागने के संभावित रास्तों पर कड़ी नाकाबंदी के निर्देश दिए हैं, खास तौर से पंजाब बॉर्डर पर नाकाबंदी के निर्देश दिए हैं!
राजू ठेहट की आनंदपाल गैंग और बिश्नोई गैंग से रंजिश चल रही थी,राजू ठेहट का नाम गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के अपराधी बनने से पहले से फैला हुआ था!
आपको बता दें कि राजू ठेहट ने 1995 के दौर में अपराध की दुनिया में एंट्री की थी, लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन गैंगस्टर्स राजू ठेहट महंगी कार और बाइक पर काफिले के साथ घूमता था!
1997 में बलबीर बानूड़ा और राजू ठेहट दोस्त हुआ करते थे, दोनों शराब के धंधे से जुड़े हुए थे, 2005 में हुई एक हत्या ने दोनों दोस्तों के बीच दुश्मनी की दीवार खड़ी कर दी!
राजू ठेहट से शराब ठेके पर बैठने वाले सेल्समैन विजयपाल की किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी, पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक यह विवाद इतना बढ़ा की राजू ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी!
विजयपाल रिश्ते में बलबीर का साला था, इसी के चलते दोनों ने की दोस्ती में दुश्मनी शुरू हो गई, इसी के चलते बलबीर ने राजू के गैंग से अलग होकर दूसरा गिरोह बना लिया!
बाद में इसी गैंग में आनंदपाल की भी एंट्री हो गई,आरोप है कि इसके बाद दोनों ने विजयपाल की हत्या का बदला लेने के लिए राजू के करीबी गोपाल फोगावट को मौत के घाट उतार दिया!
आनंदपाल का 24 जून 2017 को पुलिस द्वारा एनकाउंटर कर दिया गया, दुश्मनी के इसी खेल के चलते शेखावटी में दोनों गुटों के कई लोगों की हत्याएं हुई, दोनों की दुश्मनी जेल तक भी पहुंच गई, 26 जनवरी 2014 को सीकर जेल में राजू ठेहट पर हमला हुआ लेकिन उसके करीब छह महिने बाद ही बीकानेर जेल में आनंदपाल और बलबीर पर भी हमला हो गया!
इस दौरान राजू ठेहट, आनंदपाल तो बच गए लेकिन बलबीर मारा गया,वहीं आनंदपाल का 24 जून 2017 को पुलिस द्वारा एनकाउंटर कर दिया गया, आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद राजू ठेहट का वर्चस्व और बढ़ गया, जेल में बंद होने के दौरान भी उसके फिरौती मांगकर संरक्षण देने के कई मामले सामने आए थे,लोगों में सक्रिय रहने के लिए वह रील बनाकर सोशल मीडिया पर भी डालता रहता था “