
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आज चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता की!
प्रेस वार्ता में सचिन पायलट ने कहा कि पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है यहां पर बहुत सी चुनौतियां पिछले 6,7 दशकों में लोगों ने देखी है लेकिन हमारे वीर जवानों ने ना सिर्फ सरहद पर रहकर देश में रहकर भी अनेक चुनौतियों का सामना किया आतंकवाद और अलगाववाद हो हर चीज का मजबूती से मुस्तादी से मुकाबला किया और आज भी कर रहे हैं!
आज भी हमारे देश के सैनिक अर्धसैनिक नौजवान हर चीज ताक पर रखकर अपनी जान की परवाह किए बगैर देश के लिए शहादत देने के लिए तैयार रहते हैं!
यह हम सब के लिए बड़े फक्र की बात है, अनेक बार भारत पर आक्रमण हुए हैं और हमारे सैनिकों ने दुश्मन के मजबूती से दांत खट्टे किये, आज इस मौके पर हम सब मिलकर उन वीर सैनिकों की शहादत को नमन करते हैं, जो सैनिक आज सरहद पर खड़ा है गर्मी में सर्दी में बरसात में रेगिस्तान में बर्फ में दुश्मन की गोली का सामना कर रहा है तो वह सिर्फ अपने लिए नहीं कर रहा है अपने परिवार के लिए नहीं वह पूरे मुल्क के लिए कर रहा हैं!
यह केंद्र सरकार ने खुद अपने आप स्वीकार किया हैं कि सेना में 1 लाख 22हजार 5 सो 55 पद खाली पड़े हैं हम कहीं ना कहीं हमारा सिक्योरिटी का जो इंफ्रा सेक्टर है उसमें हम कंप्रोमाइज कर रहे हैं सवा लाख लोग सेना में कम है 10,000 ऑफिसर कम है तो उसकी भरपाई क्यों नहीं कर पाई है!
पिछले 7 साल में पूर्ण बहुमत की सरकार है जब सेना की बात आती है जब रक्षा बजट की बात आती तो उसमें कोई पाबंदी नहीं उसमें यह नहीं कह सकते कि विपक्ष ने हमको करने नहीं दिया जो लोग राष्ट्रवाद की बात करते हैं उनको यह बताना चाहिए कि सवा लाख पोस्ट खाली पड़ी है 7 साल में उनको आपने क्यों नहीं भरा मुझे याद है जब डॉक्टर मनमोहन सिंह जी की सरकार थी 2014 में हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को लागू किया था चुनाव हुए सरकार बदल गयी लेकिन जो नई सरकार बनी 2014 में उसने Orop का वादा किया था हरियाणा रेवाड़ी में वादा किया था कि हमारी सरकार बनेगी तो वन रैंक वन पेंशन लागू करेंगे आज 7 साल बीतने पर भी वन रैंक वन पेंशन पर 3000000 पूर्व सैनिकों को कुछ भी हाथ नहीं लगा है हम लोग चाहते हैं कि एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका हम लोग निभाये इन बातों को हमारे सांसदों ने संसद में कई बार उठाए हैं लेकिन यह बात सब जानते हैं कि संसद में चर्चा होती नहीं किसी मंत्री का जवाब नहीं है जो लोग आज सरकार में बैठे हैं तो उनका फर्ज नहीं बनता कि सैनिकों की मदद करे ।
जो लोग अपने आपको देश भक्त कहते हैं राष्ट्र के प्रति समर्पित कहते सैनिकों के मान सम्मान की कसम खाते हैं उनको सबक लेना चाहिए पहले के नेताओं से आज 50 साल पूरे हुए हैं 1971 की लड़ाई को जब ईस्ट पाकिस्तान जो पाकिस्तान का हिस्सा था 1971 में इंदिरा जी प्रधानमंत्री थी उस समय भारत कोई ज्यादा मजबूत देश नहीं था आर्थिक स्थिति से भारत बहुत कमजोर देश था हमे याद है जब इंदिरा जी ने लड़ाई का ऐलान किया था तो अमेरिका ने कहा था बंगाल की खाड़ी में हम अपना सातवां बेड़ा भेजेंगे तब भी इंदिरा जी ने कहा हम डरेंगे नही जबकि सेना ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग किया और 95000 पाकिस्तानी सैनिकों को हमने अपने कैद किया ।
जब सेना के शौर्य को ताकत को लोगों ने बल दिया अब भाषण देने से कोई काम नहीं होगा हम लोगों को जमीन पर लाखों लोगों की जो सैनिकों के परिवार के लोग हैं उनकी मदद करनी चाहिए होगी।